Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम (OPS): सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत की खबर, अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम हो सकती है। पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme – OPS) को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है, जिसे जानना हर सरकारी कर्मचारी के लिए जरूरी है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि OPS को कुछ शर्तों के साथ फिर से लागू किया जा सकता है, जिससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिल सकती है।
OLS Pension Scheme (OPS) क्या है और क्यों है चर्चा में?
OPS यानी Old Pension Scheme एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आजीवन नियमित पेंशन मिलती थी। यह पेंशन उनकी आखिरी तनख्वाह के आधार पर तय होती थी और उसमें समय-समय पर महंगाई भत्ते (DA) के अनुसार बढ़ोतरी भी होती थी।
2004 के बाद इसे बंद करके नई पेंशन स्कीम (NPS) शुरू की गई थी, जिसमें पेंशन कर्मचारी और सरकार दोनों के योगदान पर आधारित होती है। लेकिन कर्मचारियों की मांग रही है कि OPS को वापस लाया जाए क्योंकि NPS में पेंशन निश्चित नहीं होती।
कौन हो सकते हैं OPS के पात्र?
सरकार द्वारा हाल ही में जारी एक दिशा-निर्देश के अनुसार, वे सरकारी कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 28 मार्च 2005 से पहले के विज्ञापन या नियमों के तहत हुई थी, उन्हें OPS का विकल्प मिल सकता है।
ऐसे कर्मचारियों को 30 नवंबर 2025 तक आवेदन करना होगा, जिसके बाद उनका मामला संबंधित विभाग द्वारा समीक्षा कर आगे बढ़ाया जाएगा।
कैसे करें आवेदन?
अगर आप OPS के योग्य हैं, तो नीचे दिए गए कदमों का पालन करें:
- सेवा पुस्तिका और नियुक्ति दस्तावेज़ की कॉपी तैयार रखें।
- विभाग द्वारा जारी किए गए प्रोफार्मा में विवरण भरें, जिसमें वेतन, नियुक्ति की तारीख, पदनाम आदि शामिल हैं।
- विकल्प पत्र तैयार करें और सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ विभाग में जमा करें।
- यदि विभाग ने ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी है, तो संबंधित पोर्टल पर दस्तावेज़ अपलोड करें।
OPS के मुख्य लाभ
1. आजीवन निश्चित पेंशन:
OPS के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को हर माह निश्चित पेंशन मिलती है, जो उनकी अंतिम तनख्वाह पर आधारित होती है।
2. महंगाई भत्ते से जुड़ी वृद्धि:
पेंशन में DA के अनुसार समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी जीवनस्तर स्थिर रहता है।
3. चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा लाभ:
OPS के तहत स्वास्थ्य लाभ, ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का फायदा भी शामिल होता है।
4. सैलरी से कोई कटौती नहीं:
NPS के विपरीत, OPS में कर्मचारी की सैलरी से पेंशन हेतु कोई कटौती नहीं होती। पूरी पेंशन सरकार द्वारा वहन की जाती है।
NPS बनाम OPS – फर्क क्या है?
विशेषता | NPS | OPS |
---|---|---|
पेंशन का प्रकार | निवेश पर आधारित | निश्चित मासिक पेंशन |
योगदान | कर्मचारी + सरकार | केवल सरकार द्वारा खर्च |
महंगाई भत्ते की सुविधा | नहीं | हां |
टैक्स छूट | सीमित | पेंशन टैक्स के दायरे से बाहर |
क्या यह कदम पूरे देश में लागू होगा?
फिलहाल कुछ राज्य जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने पहले ही Old Pension Scheme को लागू किया है। अब केंद्र सरकार भी समीक्षा कर रही है कि किन-किन कर्मचारियों को यह सुविधा दी जा सकती है।
हालांकि यह सभी के लिए नहीं होगा, बल्कि विशेष शर्तों के अंतर्गत ही लागू किया जाएगा। इसलिए पात्रता की जांच जरूरी है।
समाप्ति विचार: योजना समझें, कदम उठाएं
Old Pension Scheme की वापसी से उन सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं। अगर आप पात्र हैं, तो आवेदन की आखिरी तारीख (30 नवंबर 2025) से पहले सभी दस्तावेज़ तैयार करके विभाग में जमा कर दें।
योजना के बारे में पूरी जानकारी रखना और सही समय पर निर्णय लेना आपके भविष्य को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इस कदम से सरकारी नौकरी में स्थिरता और भरोसा भी बढ़ेगा।
अगर आप ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं जो लंबे समय से OPS की वापसी का इंतजार कर रहे थे, तो अब समय आ गया है जब आप इसका हिस्सा बन सकते हैं। समय पर जानकारी लें, सही कदम उठाएं और अपने रिटायरमेंट को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाएं।
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